दिल के अरमान
दिल के अरमान
तू मेरी हसरतों में है
दिल के जहाँन जैसी है
तू आयत है मेरी
सौ अरमान जैसी है
तेरे इश्क़ में काफिर बन गया हूँ
हद ना रही आशीकी की
हर हद से आगे गुजर गया हूँ
तू बन जा मेरी मंजिलें
मोड़ दे मेरे कदम
बहारो सी खिल जाये ये राहे
साथ तू जो हो हमदम
तेरी दर की देहलिज
मेरे लिये मकाम जैसी है
तू आयत है मेरी
सौ अरमान जैसी है
तू मेरी हसरतों में है
दिल के जहाँन जैसी है
तू आयत है मेरी
सौ अरमान जैसी है।

