दिखाना पड़ता है, दूसरों को
दिखाना पड़ता है, दूसरों को
दिखाना पड़ता है, दूसरों को हम ख़ुश है,
हम हेल्दी है, हम फिट है, हम गुडलुकिंग है,
हम अच्छे कपड़े पहनते है,
हमारी ज़िंदगी मे सब अच्छा है,
अच्छी अच्छी बातें औऱ नसीहत देते है,
लेकिन दूसरों को ख़ुश करने के चक्कर में
दिखाना नहीं है, दूसरों को जो ऐसी ख़ुशी होती है,
वो दिल मे दबाया लिया जाता है
दुनिया के सामने चेहरा कुछ होता है
और पीछे कोई और चेहरा दिखाते है,
अपना स्टेटस, दिखाने के चक्कर मे
खुद का दर्द जो भीतर पल रहा है
वो किसी को बताते नहीं है
स्टेटस के चक्कर में जितना दिखावा बाहर करते
उतने ही अंदर अंदर तखलिफ़ बढ़ जाती है,
उस के बाद अकेले रहने लग जाते हैं ,
चिढ़ हो जाती है, गुस्सा हर बात पे
धीरे धीरे फस्ट्रशन में हावी हो जाते हैं
फस्ट्रेशन बढ़ते ही किसी को बात बताते नहीं,
स्टेस्ट्स के चक्कर में फिर एक दिन बिना सोचे
इंसान कुछ भी कर लेता है,
आज कल के रिश्ते गुमसुम हो गए हैं ,
दोस्त से बात नहीं करते,
माँ बाप से दूरियाँ रखने लगे हैं
पिता से कोई बात नहीं करते,
दोस्तों नाम शौहरत, पैसा कमाई
लेकिन उन सब मे अपने भी होते है
उनके साथ थोड़ा वक़्त बताएं,
पिता को एक दोस्त बनाये,
या कोई जो अपना हो उनसे बात करो,
लाइफ में चाहे कैसी भी प्रॉब्लम हो
समाधान निकल सकता है,
पर ऐसे हार जाने के बाद आप चले जायेंगे
लेकिन परिवार बहुत मुश्किल दौर से गुजरता है ,
ज़िंदगी बहुत क़ीमती है, इस लिए जिए बेशुमार जिंदगी
दोस्तों दूसरों को दिखाना बंध करो
और अपना दुःख और ख़ुशी परिवार, दोस्त
और अपनों के साथ समय बिताये