उन पत्थरों का भी क्या, हुआ करता है नसीब, संगतराश जिनको उठा, लाते हैं मंदिरों के करीब.... उन पत्थरों का भी क्या, हुआ करता है नसीब, संगतराश जिनको उठा, लाते हैं मंदिरों के ...
न दौलत, न शौहरत की दीवार, न मज़हब, न जुबान की तलवार, हर भेद से परे गले यूँ मिलते हैं, ऐसो क... न दौलत, न शौहरत की दीवार, न मज़हब, न जुबान की तलवार, हर भेद से परे गले यूँ...
स्टेस्ट्स के चक्कर में फिर एक दिन बिना सोचे इंसान कुछ भी कर लेता है स्टेस्ट्स के चक्कर में फिर एक दिन बिना सोचे इंसान कुछ भी कर लेता है
बस ये शरीर जो तुम्हारा है, वो भी न जाएगा साथ तुम्हारे बस ये शरीर जो तुम्हारा है, वो भी न जाएगा साथ तुम्हारे
तन्हाई में ही अच्छे भले थे हम, भले ही जुगनुओं के साथ सारी रात जले थे हम, तन्हाई में ही अच्छे भले थे हम, भले ही जुगनुओं के साथ सारी रात जले थे हम,