दीपक जला रहा है
दीपक जला रहा है
जिस वक्त को दुनिया
प्रलय समझ रहा है
उस वक्त को भारत
अवसर समझ रहा है।।
एक पर एक निर्णय
समय रहते ले रहा है
पूरे विश्व को नया
राह दिखा रहा है।।
चुनौती का सामना कर
अडिग अविचल खड़ा हैं
जैसे अंधेरे में कोई
दीपक जला रहा है।।
लाकडाउन और बन्दिशो में
जमी से अंबर चढ़ा जा रहा है
जैसे शीश अब
हिमालय से मिला रहा है।।
जिस वक्त सारी दुनिया
थका हारा जा रहा है
उसी वक्त में भारत
चौधरी बन पड़ा है।।
यह क्षण हमें
गौरवान्वित कर रहा है
विश्व स्वास्थ्य संगठन का पद भार
मेरे हाथों में धरा है।।
जी 7 में अब देखो ना
खुद बुला रहा है
भारत महामारी में
पगड़ी ऊंचा करे जा रहा है।।
चुनौती का सामना कर
अडिग अविचल खड़ा है
जैसे अंधेरे में कोई
दीपक जला रहा है।।
