Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

अनिल श्रीवास्तव "अनिल अयान"

Inspirational

4  

अनिल श्रीवास्तव "अनिल अयान"

Inspirational

धरती से रूठ गया

धरती से रूठ गया

1 min
237


बारामासी नदियों का पानी सूख गया।

बदरा तक जैसे इस धरती से रूठ गया।।


हमने माटी पर इतना अत्याचार किया।

पेड़ों को काटा और शहर आबाद किया।।


कांक्रीट की जंजीरों से मिट्टी को बांधा।

गांव शहर को बांट लिया आधा आधा।।


जल जंगल और जमीन सब‌ लूट लिया।

इन्हे बचाने वालों को सबने सजा दिया।।


पौध लगाकर लोग साल भर भूल गए।

अपने अपने जीवन झूले में झूल गए।।


जिम्मेदारी बस त्योहारों तक रहती है।

बचे दिनों में धरती सब कुछ सहती है।।


यदि अपने आसपास को हरा बनाना‌ है।

बच्चों जैसे पौधों में निज स्वप्न सजाना है।।


ये बड़े होकर के बच्चों के संरक्षक होंगे।

हम नहीं रहेंगे जब भी, ये रक्षक होंगे।।


Rate this content
Log in