STORYMIRROR

Jyoti Gupta

Abstract

4  

Jyoti Gupta

Abstract

"धरा की कराह क्या"

"धरा की कराह क्या"

1 min
275

धरा की ये कराह क्या ,

किसी को सुनाई नही देती।

बस सब अपने में मस्त यू मगन,

उसकी चीख क्या सुनाई नहीं देती।


आधार हमारा है जो ,

उसका क्यों  कोई कद्र नहीं करता।

जिस से ही ये जीवन है,

उस पर ही क्यों जुल्म किया कारता।


थोड़ी अपनी आदत को,

अब लगा दो लगाम।

इस पर अपने मेहनत से अब,

थोड़ी रहम कारो गे  क्या।

इस बंजर धरा को फिर,

हरा भरा करोगे क्या।


સામગ્રીને રેટ આપો
લોગિન

Similar hindi poem from Abstract