STORYMIRROR

Jyoti Gupta

Others

3  

Jyoti Gupta

Others

माँ

माँ

1 min
152

जन्नत का हर रूप है प्यारा

चाहे वो हो शीतल छाया

फिर हो चाहे आग और पानी,

सबमे मिलता एक मिलन

प्यार नजर आता दुबारा--------------


कितने पन्ने यू भर जाते 

पर मन भरता है न हमाारा,

एक एक रात यूं बीते

लेेेकिन माँ का मानवता न टूटे------------


राह में तपन चाहे जितना हो

एक आशा बनती वो मेरी है,

मंजिल जो पाया हमने है

उसका इतिहास वही है-----------



Rate this content
Log in