धैर्य।
धैर्य।
बड़ी ही अनमोल है संतों की वाणी, सरल, सुगम व स्वाभाविक है।
जीवन रहस्यों को उजागर हैं करते, जन-जन को शांति देते हैं।।
अधीर न होना जिंदगी से, सहनशीलता का पाठ पढ़ाते हैं।
जीवन तो सबको है मिलता, जीने की कला सिखाते हैं ।।
जीवन को जीना और सत्य को पाना, परमात्मा तक ले जाता है ।
जीवन को एक अवसर है जानो, बेगरज ही क्यों इसे गंवाता है।।
सुख -दुख का कारण भी तुम हो, परिस्थिति से क्यों घबराते हो।
विस्मृति ही व्याकुलता का कारण, अधैर्यता को गले लगाते हो।।
धैर्य, संतुलन और शांति, बुद्धि -विवेक जीवन का सार है।
उत्कृष्ट मानव जीवन को पाकर, आत्मज्ञान ही इसका आधार है।।
प्रभु परीक्षा से मत घबराना, समझो इसको अपना सौभाग्य है।
विपत्ति में ही प्रभु दर्शन हैं देते, सुख तो एक दुर्भाग्य है।।
जीवन है सद्गति की गति, इस पर ही आगे बढ़ना है ।
"नीरज" धैर्य, को अपना संबल जानो, धर्म- मार्ग ही तुमको पकड़ना है।।
