देव दीवाली
देव दीवाली
आज की शाम देवों की दीवाली है
जगमगाती, झिलमिलाती, मुस्कराती।
वर्षभर से अन्नदाता सड़कों पर हक मांग रहे,
आज तक हमको खिलाने का कर्ज चुका रहे।
आज उनको वो मिला,जिसके लिये वो रण में थे,
देर से ही,पा तो गए जिसके लिये वो मर मिटे।
खूब रोशन जग करो,तुम दीपमालाओं से आज,
फिर न किसी तिमिर से बुद्धि विवेक का हरे ताज।
सुख समृद्धि की ऐसी जगमग रोशनी, सब दिल मे हो,
कोई गलतफहमी की दीवार,फिर किसी के दिल मे न हो।
देवों का आशीर्वाद सबके ऊपर यूं ही बना रहे,
देश में अमनोचमन बस यूँ ही सदा कायम रहे।