देश शायद आगे बढ़ रहा है मगर लोग अब भी वही है.
देश शायद आगे बढ़ रहा है मगर लोग अब भी वही है.
सोने की चिड़िया मानवता की प्यास में तड़प रही है
जैसे तैसे फिर भी दिन रात आगे बढ़ रही है.
अधुनिकता तेज़ी से बढ़ रही है पर इंसानियत की कमी खल रही है
देश शायद आगे बढ़ रहा है मगर लोग अब भी वही हैं.
तस्वीरें खींच कर दान धरम किया जा रहा है ताकि सोशल मीडिया "लाइक्स और फॉलोवर्स" से भरा रहे
सोशल मीडिया का इनका ऑनलाइन पेड़ हर मौसम तारीफों से हरा रहे.
अधुनिकता तेज़ी से बढ़ रही है पर इंसानियत की कमी खल रही है
देश शायद आगे बढ़ रहा है मगर लोग अब भी वही हैं.
गरीबी और लाचारी यह कुछ लोगो के लिए प्रसिद्धि का जरिया बन चुकी है
उनकी खुदकी नज़र आज उनके ही नज़रो मैं झुक चुकी हैं
अधुनिकता तेज़ी से बढ़ रही है पर इंसानियत की कमी खल रही है
देश शायद आगे बढ़ रहा है मगर लोग अब भी वही हैं.
सृष्टि का रचैता सदियों से अदृश्य हो कर सृष्टि को चला रहा है मगर, सृष्टि को सता रही है, प्रसिद्धि और तारीफ़ की भूक है.
लोगो के विश्वास को खत्म कर रही है खोखली आत्मीयता की बन्दुक है.
अधुनिकता तेज़ी से बढ़ रही है पर इंसानियत की कमी खल रही है
देश शायद आगे बढ़ रहा है मगर लोग अब भी वही है.
