देश के वीर
देश के वीर
सर पर कफन बांधकर हम अपना श्रृंगार करेंगे,
देश की रक्षा की खातिर आज हम हुंकार भरेंगे,
हिमालय की तरह अडिग, देश का गौरव बनकर
हर एक सांस अपनी हम इस देश के नाम करेंगे,
मंजिल से पहले नहीं रुकेंगे बढ़ते हुए कदम हमारे,
अब आंधी या तूफान उठे हम किसी से नहीं डरेंगे,
आगे बढ़ेंगे और फिर जीत होगी हमारी मुट्ठी में,
वीर शहीदों की कुर्बानी को हम हमेशा याद रखेंगे
हमारे मान से ऊपर राष्ट्र का हमेशा सम्मान होगा,
भेदभाव ना होगा मन में हम निष्ठा की राह चलेंगे।