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राजकुमार कांदु

Classics Inspirational

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राजकुमार कांदु

Classics Inspirational

देश हमारा

देश हमारा

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सर पर ताज हिमालय तो

पग धोता हिन्द का सागर है

धन वैभव ऐश्वर्य भरा है

भरी प्रेम की गागर है 


कच्छ से ले आसाम तक फैली

मेरी दोनों बाहें हैं

मंजिल एक यहाँ है सबकी

जुदा जुदा पर राहें हैं


सुजलाम सफलाम धरती पर

फैली हरियाली चादर है

सर पर ताज हिमालय तो

पग धोता हिन्द का सागर है 


तीन सागरों का संगम है

नदियों की भरमार यहाँ

गंगा यमुना कावेरी संग

बहे चिनाब की धार यहाँ


तीनों सागर रक्षा करते

पर्वत पहरेदार है

सर पर ताज हिमालय तो

पग धोता हिन्द का सागर है 

दिल्ली में दिल मेरा बसता


मुंबई अर्थ की रानी है

लखनऊ है तहजीबों वाली

काशी शान पुरानी है

हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई

रहते सब मिल भाई भाई


दया धरम और सत्य अहिंसा

के संग प्रेम की गागर है

सर पर ताज हिमालय तो

पग धोता हिन्द का सागर है। 


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