देश और हम...
देश और हम...
जीवन एक रणभूमि है...
सुबह आँखें खुलते ही
हरेक इंसान
अपनी कुशल रणनीति से
अपनी कर्म दिशा
तय करता है ।
बात सफलता या असफलता की नहीं,
ये तो आदर्श की बात है !
कोई कलम की धार से
अपना इतिहास लिखता है,
तो कोई हल चलाकर...
कोई सरहद पे तैनात होकर
देश-मातृ की सेवा में नियोजित है,
तो कोई चिकित्सा-विज्ञान को
आगे बढ़ाते हुए
मानव-सेवा में नियुक्त है।
कोई सरकारी नौकरी में है,
तो कोई बेसरकारी,
कोई कम्प्यूटर-साइंस और प्रौद्योगिकी द्वारा
इस देश की नींव रखने में व्यस्त है,
तो कोई राष्ट्र निर्माण और मानव कल्याण के कर्मयोग में आजीवन प्रतिबंध है...।
इस पुण्यभूमि भारतवर्ष में
हरेक भारतीय अपने अंतर्मन में
इस सरज़मीं की खुशबू लिए
अपना राष्ट्रधर्म निभाने को संकल्पबद्ध है...!