पिया पुकारे द्वार संग हैं पिया पुकारे द्वार संग हैं
अपने कर्मयोग से सबको छू जाती... ऐसी थी सरोजिनी...!!!" अपने कर्मयोग से सबको छू जाती... ऐसी थी सरोजिनी...!!!"
कर्म ही जीवन, कर्म ही पूजा कर्मसे बढकर कोई न दुजा!! तू ही ईश्वर, तू ही मसीहा ज्ञान का सागर, तुम... कर्म ही जीवन, कर्म ही पूजा कर्मसे बढकर कोई न दुजा!! तू ही ईश्वर, तू ही मसीहा...
बात सफलता या असफलता की नहीं, ये तो आदर्श की बात है ! बात सफलता या असफलता की नहीं, ये तो आदर्श की बात है !
चाहत दिल सांसों धड़कन से निकली निःशब्द निस्वार्थ आवाज़।। चाहत दिल सांसों धड़कन से निकली निःशब्द निस्वार्थ आवाज़।।
रात के सन्नाटे में तीनों सुइयाँ जब एकत्र होकर बारह बजने का घंटानाद करती रात के सन्नाटे में तीनों सुइयाँ जब एकत्र होकर बारह बजने का घंटानाद करती