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Maharudra Popade

Inspirational

4.0  

Maharudra Popade

Inspirational

कर्मयोगी

कर्मयोगी

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कर्म ही जीवन, कर्म ही पूजा

कर्मसे बढकर कोई न दुजा!!


तू ही ईश्वर, तू ही मसीहा

ज्ञान का सागर, तुम बिन अधुरा!!


कर्म करते, करते जाना

जीवन नैय्या, पार लगाना!!


चारो ओर ही, सुख-दुख की छाया।

उस में तू है, तू आप में समाया!!


तू ही दाता, तू ही त्राता

तू ही हमारा, भाग्यविधाता!!


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