बावरी राधा
बावरी राधा
शाम तेरे रंग ने, ऐसा जादू डाला
गोरी-गोरी राधिका कर दिया काला !!
तूने ये सांवरे क्यों ऑख मिचोली
पिया-पिया करते मेरी सुध-बुध खोई !
ये कन्हैय्या तुने कैसा रंग दाला !!
सावलें कन्हैय्या तू, बडा नटखट लाला
आते-जाते राधिका की तू, मटकी तोड डाला
तेरी ये हरकतो सें, घर पे लग गया ताला !!