"डियर वाइफ"
"डियर वाइफ"
कौन सी दुआ करूं कि तुझे मेरी उम्र लग जाए।
कविता तेरे राहों में हर एक कांटा फूल हो जाए ।।
फिक्र नहीं है मुझे कि दौलत – शौहरत मिल जाए।
जन्नत –ए– ज़मीं मिले जब तू मेरा नसीब हो जाए।।
खुद से हार गया हूं, चाहत है की थोड़ा प्यार मिल जाए ।
वक्त के पैमाने पे खड़ा उतरू , गर तेरा साथ मिल जाए।।
कर लू कुबूल हर जुर्म को, गर तू थानेदार हो जाए।
शौक है मेरा की तेरे इश्क में गिरफतार हो जाए।।
तेरे नखरे भी गुलाब की पंखुड़ी जैसी हो जाए है।
अगर ! तेरी अदब सी मोहब्बत मुझे मिल जाए ।।

