गुरु वो है जो...
गुरु वो है जो...
गुरु वो है जो जीवन के मझधार में माझी बनकर आते है।
सूरज की तरह जलकर चाँद सा ठंडक पहुँचाते है।
गुरु वो है जो दीपक में बाती बनकर जलते है।
ज्ञान की प्रकाश फैलाकर अंधियारा दूर भगाते है।।
गुरु वो है जो भटके पथिक को पथ पर राह दिखाते है।
जीवन के कठिन दौर में, जीने की कला सिखाता है।।
गुरु वो है जो सादगी में रहकर सत्य को अपनाते है।
माया के नगरी में मायावियों से लड़कर हमें बचाता है।।
गुरु वो है जो हमें नफ़रत और नेकी में फ़र्क बताते है।
मिटाकर भेद ऊँच - नीच का, गले हमें लगाते है।।
सम्पूर्ण जगत के गुरु ब्रह्मा, विष्णु, महेश कहलाते है।
परम सत्य प्रकृति जो नित्य ज्ञान की धारा बहाती है।।
