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Praveen Gola

Romance

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Praveen Gola

Romance

चुम्बन दिवस

चुम्बन दिवस

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आ तेरे अधरों पे अपने अधरों की बारिश कर दूँ ,

इस चुम्बन दिवस पे तुझे अपने अधर भेंट कर दूँ ,

तू हटा ना पाये उनको अपने ज़िस्म की गर्मी से,

आ तेरे होठों को मैं इतना गीला कर दूँ।


मेरा इश्क ~ए ~ अंदाज है बड़ा ही खास,

जो अधरों को चूमता है हाँ सारी रात ,

तू अजमाना चाहे इसको तो आके मुझमे मिल,

तू जा ना पायेगी फिर देख के मेरा दिल।


मेरे अधरों पे बनी है तेरे अधरों की एक लकीर,

मैं फिर भी फिर रहा हूँ बनके एक फ़कीर,

तू अपनी उस लकीर से मेरी लकीर पूरी कर दे,

मेरी वासना को अपने प्रेम से थोड़ा भर दे।


ये चुम्बन दिवस आता है साल में केवल एक बार,

इस दिन हर प्रेमी - प्रेमिका करते हैं जी भर के प्यार,

चल आ तेरे अधरों पे मैं भी अधरों की बारिश कर दूँ ,

इस चुम्बन दिवस पे तुझे अपने अधर भेंट कर दूँ।


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