STORYMIRROR

Harshita Dawar

Abstract Others

3  

Harshita Dawar

Abstract Others

चॉकलेट डे

चॉकलेट डे

1 min
240

किसी को चॉकलेट डे का 

क्या बताएं, जिसको एक रोटी की भी मुहताजी हो

एक वक्त का खाने की भी लाचारी हो

किसी प्यासे की प्यास

किसी भूखे की भूख

किसी अंधे की नज़र

किसी अपाहिज का सहारा

उमर भर का नहीं तो दो पल का किनारा

बन कर देखिए ,सुकून दिल को जो मिलेगा

उस राहत का दिल जीत लेता हैं

इंसानियत का जवाब हमारे कर्मों में दर्ज हो जाता है

प्रेम से भरपूर जीवन में कुछ पल का रिश्ता बन जाता है



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract