चॉकलेट डे -घनाक्षरी
चॉकलेट डे -घनाक्षरी
चॉकलेट सा है तेरा प्यार बहुत मीठा सा
कभी थोड़ा कटु है पर फिर भी सांचा सा।
ये दिल की लगी एक परवाह निस्वार्थ सा
समर्पण की हर एक ऊंचाई लांघा सा।
नापा ना जा सके वो समंदर के गहरा सा
त्याग की मूरत में ढला है एक ढांचा सा।
हिमगिरि से निकले, नीर निर्मल सहस सा
हृदय तल पहुंच कर, बना साझा सा।
प्रेम परिभाषा तुम, निश्छल और पाक सा
सजदा करूं जहां पे, तेरा चित्र टांगा सा।
'सिंधवाल' पाए प्रेम वो, एक चॉकलेट सा
बहुत मीठा थोड़ा कड़वा पर सांचा सा।