चंदा मामा की गोद में
चंदा मामा की गोद में
ऐसी कोई कहानी थी,
चंदा मामा दूर के जुबानी थी,
चंदा मामा की गोद में,
अब हम खेलेंगे भोर में...
जो आज किया हमने आजादी में,
पहले ही कर देते चाँद फतह, गर
लुटते न हजारों वर्ष गुलामी में...
हम दूर सही होते रिश्ता बनाते हैं,
चाँद को अपने मामा दूर के बुलाते हैं..
दुनिया चाहे जितना नीचा दिखा ले,
हम होंगे कामयाब कोई लूना बना ले...