चलो थोड़ा जी लेते है...
चलो थोड़ा जी लेते है...
ऐ हमसफर बहुत चल लिए
थोड़ा रुक जाते हैं,
पल भर साथ बैठकर
थोड़ा आराम कर लेते हैं।
जिंदगी के रेस में
दोनों एक दूसरे को भूल गए,
जिंदगी कह रही है जवान
और आईना बोल रहा है कि बूढ़े हो गए।
निभा रहे हैं साथ और
पूरी कर रहे हैं कसम,
रिश्तों की जिम्मेदारियों को निभाते
पता ना चला कब दूर हो रहे हैं हम।
आज फिर एक बार बालों को नहीं
उम्र को थोड़ा डाय लगाओ,
आकर आईने के सामने
एक बार फिर से मुस्कुराओ।
आज फिर जीने है वो लम्हे
और दिन सुहाने,
जहां होती थी शाम मस्तानी
और दिल दीवाने।