अपने
अपने
ऐ जिंदगी तुझे किस बात का है इतना गुरूर,
जहा तुझे तेरे अपनों ने ही किया खुदसे दूर।
अहंकार की सड़कों पर तु जा रहा है चलकर,
अंत में कोई नहीं रहेगा तेरा दुःख बाटने मिलकर।
अाज तु बांट ले गैरों के साथ अपनी खुशियां,
कल भूल जाएंगे जब दूसरा कोई ढूंड लेगी दुनिया।
आज है तेरा दिन इसलिए सभी मुस्कुराएंगे,
यही लोग कल तेरी छोटीसी गलती पर ठुकराएंगे।
हुई है जीत तेरी लेकिन जब टूट जाएगा सपना,
तब तुझे हर शख्स याद आएगा जो है तेरा अपना।
लग जा गले यह सारी बातें भूलके,
आओ तेरी जीत का जश्न मनाएंगे मिलके।
