दोस्ती
दोस्ती
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दोस्ती का होता है ऐसा एक बंधन,
जैसे छा जाए खुशबू जब हाथ लगे चंदन।
ना तो यह रिश्ता है ना कोई ख्वाहिश,
सिर्फ होती है दिल से जुड़ने की गुज़ारिश।
वो बचपन में होने वाली घंटो बैठी बातें,
याद आती है तब रुला देती यह आंखें।
पता नहीं बिछड़ेंगे या हमेशा रहेंगे संग,
जल्दी से जी लेते हैं कहीं बीते ना ये पल।
कल शायद होगी तकरारे और छूट जाएगा मिलना,
दिल से निभाई है यह दोस्ती इसे भुला ना देना।
खूबसूरत सा दिल इतना सोचती हूं क्या दूं आपको,
सच्चे है मेरे ये शब्द सिर्फ इसका स्वीकार करो।
चलते रहेंगे हमारी यू हीं ऐसे सिलसिले
दुआ करूंगी आप जैसा दोस्त सबको मिले।
