चलो फिर खेली जाए
चलो फिर खेली जाए
चलो फिर खेली जाए बिना रंगों के होली
मैं तुम्हें, तुम मुझे खुद के रंग में रंग लो
मेरी महक भी फूलों के जैसी भीनी भीनी सी हो
कुछ इस तरह भींच कर मुझे अपनी बाहों में भर लो
तुम्हारे जिस्मों जान में भी दिखें मेरी झलकियाँ
अपने प्यार में मुझे कुछ इस तरह जकड़ लो
फिसलता जा रहा हूँ मैं तेरी मुट्ठी से रेत की तरह
बढ़ाओ हाथ और मुझे गिरने से पहले पकड़ लो
बिछड़ ना जाए हम दोनों इस दुनिया में कहीं
उससे पहले तुम मुझे अपना ही कर लो
चलो फिर खेली जाय, बिना रंगों के होली
मैं तुम्हें, तुम मुझे खुद के रंग में रंग लो