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Arsh अर्श

Abstract Romance

4  

Arsh अर्श

Abstract Romance

यूँ नाम मिला !

यूँ नाम मिला !

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मेरी बिसरी सी कहानी को ऐसा नाम मिला

फिर से मुझे इश्क़ के ऑफिस में काम मिला


बहुत गुमनानी में काटी थी हमने ये ज़िन्दगानी

बरसों बाद इस गुमनामी को नाम मिला


वो मरहम जैसा है, मेरे जख्मो के लिए

बहुत वक़्त बाद मेरे दर्दों को आराम मिला


एक उम्र से बैठा था, सुनसान राहों पर

कल फिर से मुझे महफ़िल में आने का पैगाम मिला


उजड़ा सा था ये मेरी ज़िंदगी का काफिला

तुम जो आये तो इसे फिर से मकाम मिला


वो कश्ती सा है, बहते पानी में

मुझे बादल से टपकती हुई बूंदों का काम मिला


अंधेरी रातों में उठकर तुझे अक़्सर ढूंढता हूँ मैं

खुद के ही दिल मे मुझे जुगनू का काम मिला


मेरी बिसरी सी कहानी को ऐसा नाम मिला

फिर से मुझे इश्क़ के ऑफिस में काम मिला।


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