STORYMIRROR

Arsh अर्श

Abstract Romance

4  

Arsh अर्श

Abstract Romance

यूँ नाम मिला !

यूँ नाम मिला !

1 min
599

मेरी बिसरी सी कहानी को ऐसा नाम मिला

फिर से मुझे इश्क़ के ऑफिस में काम मिला


बहुत गुमनानी में काटी थी हमने ये ज़िन्दगानी

बरसों बाद इस गुमनामी को नाम मिला


वो मरहम जैसा है, मेरे जख्मो के लिए

बहुत वक़्त बाद मेरे दर्दों को आराम मिला


एक उम्र से बैठा था, सुनसान राहों पर

कल फिर से मुझे महफ़िल में आने का पैगाम मिला


उजड़ा सा था ये मेरी ज़िंदगी का काफिला

तुम जो आये तो इसे फिर से मकाम मिला


वो कश्ती सा है, बहते पानी में

मुझे बादल से टपकती हुई बूंदों का काम मिला


अंधेरी रातों में उठकर तुझे अक़्सर ढूंढता हूँ मैं

खुद के ही दिल मे मुझे जुगनू का काम मिला


मेरी बिसरी सी कहानी को ऐसा नाम मिला

फिर से मुझे इश्क़ के ऑफिस में काम मिला।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract