चलो बदलते है, खुद को!
चलो बदलते है, खुद को!
ये आज की शिक्षा,
आज की जनरेशन,
आज का समाज,
मुझे कुछ,
समझ ही नहीं आता।
लोगों के विचार,
ऐसे है कि एक लड़की,
किसी से प्यार से,
मुस्कराकर बात क्या कर ले,
समझते है, लड़की फँस गई।
दोस्तों ये गंदी सोच,
दिमाग से निकाल दो,
क्योंकि इंसानियत से बड़ा
कोई रिश्ता नहीं होता।
ये बात कब समझेंगे लोग,
आख़िर कब परिवर्तन होगा,
कोई आने वाला नहीं, आसमान से।
हम आपको ही बदलाव लाना है,
जागो चलो बदलते है,
पहले अपने आपको।
