चितवन
चितवन
हो तुम मेरी आरती का दिया
फिर भी। न जान पाया जिया
है कैसी ये मोहब्बतों से भरी
तेरे-मेरे इस प्यार को दुनिया !!
समंदरों से बड़ा इश्क का दरिया
जहां पर है अपनी सारी दुनियां
प्यार भरी इक तिरछी चितवन
लूट लेती है दिलों की नगरिया !!
हो तुम मेरी आरती का दिया
फिर भी। न जान पाया जिया
है कैसी ये मोहब्बतों से भरी
तेरे-मेरे इस प्यार को दुनिया !!
समंदरों से बड़ा इश्क का दरिया
जहां पर है अपनी सारी दुनियां
प्यार भरी इक तिरछी चितवन
लूट लेती है दिलों की नगरिया !!