चिंगारी है
चिंगारी है
जो जीती है हर बार
नहीं कभी भी हारी है
वो खिलखिलाती सदा
हिम्मती सी नारी है।
जौहर के ज्वाला में कूदी
कभी हाथ में ली कटारी है
वो मुखरित, बलशाली
चंचल मन ही नारी है।
आँचल में खुशियां सारी
कुपित हो तो चिंगारी है
सरसिज तक आकर्षण बनी
वो संगी साथी नारी है।।
