चिड़िया
चिड़िया
बहुत सी चिड़िया दाना चुगती
एक चिड़िया रुठ कर बैठती
क्या हुआ किसी को पता नहीं
एक चिड़िया उससे पूछती है
क्या हुआ चिड़िया रानी?
तू तो है मेरी सहेली
सब चिड़िया चुगती दाना पानी
तू क्यूं नहीं चुगती दाना पानी?
उदास मन से बोली चिड़िया रानी
बहुत चिंता होती है मुझे
हमारी नस्ल खत्म हो रही है
आदमी तो आदमी को मारता
हमारे लिए क्यूं सोचता?
दया दिल में नहीं रखता
हमारी चिंता भी नहीं करता
ईश्वर के भरोसे है हम सब
कितने दिन जीयेंगे हम?
चिंता की वजह वही है
इसलिए एक दिन तक
दाना पानी नहीं लूंगी
मेरी प्रार्थना सुनकर प्रभु
प्रेम का संदेश देना
जीना है सब को तो
युद्ध क्यूं करते हैं सब?
पोल्यूशन बढ रहा है
दिशा भी भूल जाते हैं
इसलिए हमारी जिंदगी
ख़तरे में पड़ जाती है।