मिलाकर हवा पानी आसमाँ आग पृथ्वी को, वक्त वक्त पर ख़ुशी और गम में ढालता कौन हैं.... मिलाकर हवा पानी आसमाँ आग पृथ्वी को, वक्त वक्त पर ख़ुशी और गम में ढालता कौन है...
वो ये भी सोचती होगी कि काश इस संसार में जाने का मेरा कोई सपना नहीं होता, वो ये भी सोचती होगी कि काश इस संसार में जाने का मेरा कोई सपना नहीं होता,
आने वाली नस्लों के लिए मिसाल करें, शायद, कोई हम पर भी नाज़ करें, ज़माने को नहीं, खुद को बदल कर देख... आने वाली नस्लों के लिए मिसाल करें, शायद, कोई हम पर भी नाज़ करें, ज़माने को नही...
बहुत सी चिड़िया दाना चुगती एक चिड़िया रुठ कर बैठती। बहुत सी चिड़िया दाना चुगती एक चिड़िया रुठ कर बैठती।