छुप गये तेरी बाहों में ऐसे ,
जैसे कब से जानते थे तुम्हे ,
वो नया एहसास अनोखा था ,
कैसे बतायें भला हम तुम्हे ?
तुमने क्यूँ हमको गले से लगाया ?
अपनी धड़कनों को हमे सुनाया ,
सुनकर तेरे दिल की धीमी तनहाई ,
हमने खुद को हवाओं में पाया |
एक अजब सा डर था निकल रहा ,
तेरे पास आने पर जो मचल रहा ,
छुप गये तेरी बाहों में ऐसे ,
जैसे अपना मानते थे तुम्हे |
हिम्मत ना हुई कुछ कहने की यारा ,
नजरों ने किया था नज़र से इशारा ,
बहकने के डर से कदम हट रहे थे ,
कहीं धीमे - धीमे से हम जल रहे थे |
आँखों में मस्ती की चादर बिछी थी ,
किसी की नीयत की सूरत दिखी थी ,
छुप गये तेरी बाहों में ऐसे ,
जैसे कब से जानते थे तुम्हे |
दिल ओ दिमाग की वो साझेदारी ,
जैसी भी थी पर थी बहुत प्यारी ,
आगे ना बढ़ने की नसीहत मिली थी ,
ज़िस्मों की ठंडक से दूरी मिटी थी |
खोने को यूँ तो बहुत कुछ था आगे ,
मगर छोड़ देने पर कायम थे वादे ,
छुप गये तेरी बाहों में ऐसे ,
जैसे कब से जानते थे तुम्हे ||