छठी का दूध
छठी का दूध
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वतन के वास्ते हम तो ख़ुशी से सर कटा देंगे
हंसते-हंसते अपनी जान भी इस पर लुटा देंगे।
न हो पाएगा दुश्मन अब सफल अपने इरादों में
बनाकर ख़ुद को हम दीवार अरि आगे लगा देंगे।
ज़रा छू कर तो मेरे मुल्क की मिट्टी को वो देखे
चुन चुन कर सभी दुश्मन की हम लाशें बिछा देंगे।
नहीं बच पाएगा दुश्मन हमारी तेज़ नज़रों से
हर एक हरकत पे हम अपनी नज़र उस पर गड़ा देंगे।
चलेंगे जब सफ़र पर आख़िरी लेकर विदाई हम
ज़मीं से एक मुट्ठी ख़ाक़ लेकर हम उड़ा देंगे।
ये वो भारत है जिसमें बाज़ से चिड़िया लड़ाते हैं
जो चाहे देखना फिर से तो हम वो भी दिखा देंगे।
कभी कमज़ोरी न समझे वो चुप्पी को "पिनाकी" के
छठी का दूध एक पल में ही याद उसको दिला देंगे।