छोटा सा एक घर अपना
छोटा सा एक घर अपना


मुन्नी बिटिया दिखा रही ,
पापा से गुल्लक अपना।
काश दिवाली में हो जाए,
छोटा सा एक घर अपना ।
अपने घर में कोई नहीं,
हम सब पे रौब जमाएगा
ना मकान मालिक मम्मी से,
कभी किराया माँगेगा ।।
अपनी मर्जी से हम सब,
अपने घर में रह पाएँगे ।
जन्मदिन की पार्टी भी,
दोस्तों के साथ मनाएँगे ।।
मुन्नी बिटिया की बातों से,
पापा थे बस, स्तब्ध खड़े ।
मुन्नी को बाँहों में भरकर,
बस चूम लिए दो नैन भरे ।।