छल कपट से दूर रहो सुकून की जिं
छल कपट से दूर रहो सुकून की जिं
साधारण जिंदगी में छल कपट मेरा ऐसा मानना है
छल कपट करके कितना ही जी लो।
शांति तुमको कभी ना मिलेगी।
थोड़े दिन तुम तिजोरियाँ भर के खुश हो जाओगे
मगर जब छल कपट पकड़ा जाएगा तब तब तुम मुंह की खाओगे।
ना दिल का चैन रहेगा
ना मन का सुकून रहेगा जेल की चक्की में आटा पीसते तुम नजर आओगे।
बड़े-बड़े स्कैम वाले ऐसे ही मुंह की खा गए हैं,
जेल की कोठरी में बैठ जेल की हवा खा रहे हैं।
कहां गया ये चैन और सुकून जो 200 करोड़ कमाने पर खुश हुए ।
गाय भैंसों का चारा ही खा गए जो आज जेल की रोटियां खा रहे हैं।
ऐसे उदाहरणों से भरी है ये दुनिया।
छल प्रपंच कपट करने वालों से भरी है यह दुनिया।
मगर ना जीत उनकी कभी होती है।
जीत तो हमेशा सच्चाई की ही होती है।
इसीलिए मेरे दोस्तों छल कपट से दूर रहो।
और सच्चाई के रास्ते चलो।
शांति सुकून संतोष की जिंदगी ही हमको रास आई है।
इसीलिए हम तो इस छल कपट से कोसों दूर हैं।
सच्चाई के रास्ते पर चलकर हमने तो कानून पर भी विजय पाई है।
और बेहतरीन जिंदगी पाई है।
कहती है विमला छल कपट से रहो तुम दूर
निश्चल निस्वार्थता अपनाओ।
हो सकता है कुछ परेशानियां आए
मगर उनसे तुम ना घबराओ
और एक सुकून भरी जिंदगी ही तुम पाओ।