चांदनी जरुर हो
चांदनी जरुर हो
तुम मेहताब जो नहीं, चांदनी जरूर हो
तुम आफताब जो नहीं, रोशनी जरूर हो
रात हो या दिन, तुम मेरी ज्योति जरूर हो
कहां ढूंढूँ मैं तुम्हें, जब तुम खोती जरूर हो
हो तुम मेरे हृदय में, वहां तुम मिलती जरूर हो
तुममें मैं देखूं खुद को या खुदा को,
तुम जहां भी हो, मेरे मन में बसती जरूर हो
हो तुम मेरे दिले चांद की चांदनी जरूर हो

