वें आँखें
वें आँखें
जब मिलती है इन आँखो से वे आँखें,
टकरा के ढल जाती हैं, जाने क्या कहती हैं वे आँखें।
बेसमझ हूँ पर समझ जाता हूँ क्या कहती हैं वे आँखें,
समझ कर भी अनजान बनता हूँ जाने क्या कहती हैं वे आँखें।
देख कर भी नहीं देखता हूँ और कुछ उन (आँखो) के सिवा,
अऱे, पागल न हो जाये मेरी आँखें ऊन (आँखो) के बिना॥

