STORYMIRROR

Jyotin Choksey

Romance

2  

Jyotin Choksey

Romance

वें आँखें

वें आँखें

1 min
92

          

जब मिलती है इन आँखो से वे आँखें,

टकरा के ढल जाती हैं, जाने क्या कहती हैं वे आँखें।

बेसमझ हूँ पर समझ जाता हूँ क्या कहती हैं वे आँखें,

समझ कर भी अनजान बनता हूँ जाने क्या कहती हैं वे आँखें।    

देख कर भी नहीं देखता हूँ और कुछ उन (आँखो) के सिवा,

अऱे, पागल न हो जाये मेरी आँखें ऊन (आँखो) के बिना॥ 

                


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance