चांद
चांद
चाँद तेरी चाँदनी को नजर
न लगे हमारी,
छूने की रोज करती
हूँ कोशिश तुम्हें,
पर छू नहीं पाती,
सितारों से खेलते हो
आँख मिचौली ,
जब शर्माते हैं,
कई लम्हे तब,
चाँद सब कहते है,
तुम में है दाग,
पर मैं कहती हूँ,
जी से तुम्हारी,
कदर नहीं,
फिकी सी है,
जिन्दगी उनकी। ।।

