चाँद सब कहते है, तुम में है दाग, चाँद सब कहते है, तुम में है दाग,
शायद मेरी आंखें भी, पढ़ ली थी तुमने उस दिन। शायद मेरी आंखें भी, पढ़ ली थी तुमने उस दिन।
धन, दौलत, सामर्थ्य की आड़ में फूले नहीं समाते हैं, धन, दौलत, सामर्थ्य की आड़ में फूले नहीं समाते हैं,