चाँद सितारों
चाँद सितारों
चाँद सितारों से हम
इसकी माँग सजायेंगे
दुल्हन सा प्यारा देश बनाएंगे
इसे उड़ाके ले जायेंगे
हम पंछी पिंजरा अपना ।
जब तक हैं पर साथ हमारे
आज़ादी फिर क्या सपना ?
आ सौगंध ये ले आ सौगंध ये ले
माँग हुई रिहाई से हम
प्राण गंवाएंगे- दुल्हन सा..
जिन बागों की कलियों के
होठों पे हो गम के साये
पतझड़ की तानाशाही से
फूल ने जिनमे नाखिल ल पाए
गमना कार माली
गमना कार माली
फसलें बहारें बनके हम
तुझ को दिखलायेंगे
दुल्हन सा..
भूख गरीबी बेकारी
क्यों माँग रही हैं किस्मत से
हां किस्मत से हां किस्मत से
आओ बना के पहले लेकर
इसको अपनी हिम्मत से
हां हिम्मत से हां हिम्मत से
सोनेकी चिड़ियाँ
सोनेकी चिड़ियाँ
देश के माथे से सागर हम
जान गवाएंगे दुल्हन सा प्यारा
चाँद सितारों से हम इसके
मांग सजायेंगे दुलहन सा...।