STORYMIRROR

jayanth kaweeshwar

Abstract

4.5  

jayanth kaweeshwar

Abstract

कविता रुबाई कवीश्वर 11.1.21

कविता रुबाई कवीश्वर 11.1.21

1 min
236


क्योंकि प्रकृति की समस्याओं की कुंजी उदासी है

यह एक पैरोडी कवि के लिए आसान बनाता है

काव्य कौशल जिससे कलम चलती है

विषय वस्तु जीवन के गंतव्य में मनोरंजक है


आँखों में क्लेश की यही आवाज है ......

टेक्स्ट मॉक तरंगों के विचार जो अवधारणाएं बताते हैं

सफेदी करने का अभ्यास हर क्रिया का संगम है

कानुलान द्वारा आध्यात्मिक वैचारिक चित्रों की एक श्रृंखला


कविजन काव्य कन्या का रूप सोयागमुला अपूर्पा चित्रकेली

एक ही प्रधान के पाठकों के मन का रोमांच ……

नवजात अवधारणाओं की कीमिया होठों से निकलती है

नए आसनों की सममितीय लय जिसमें शरीर दिखाई देता है


मूर्तिकला कला युवती नृत्य श्रवण बंध जो बकाइन दिखाई देती है

चित्रित कलुगनु पिछले जीवन की एक रंगीन जीवनी है

कीमिया की विविधता के बारे में कुछ सुंदर है .....

आप स्वयं वह काव्य कुमार हैं!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract