कविता रुबाई कवीश्वर 11.1.21
कविता रुबाई कवीश्वर 11.1.21


क्योंकि प्रकृति की समस्याओं की कुंजी उदासी है
यह एक पैरोडी कवि के लिए आसान बनाता है
काव्य कौशल जिससे कलम चलती है
विषय वस्तु जीवन के गंतव्य में मनोरंजक है
आँखों में क्लेश की यही आवाज है ......
टेक्स्ट मॉक तरंगों के विचार जो अवधारणाएं बताते हैं
सफेदी करने का अभ्यास हर क्रिया का संगम है
कानुलान द्वारा आध्यात्मिक वैचारिक चित्रों की एक श्रृंखला
कविजन काव्य कन्या का रूप सोयागमुला अपूर्पा चित्रकेली
एक ही प्रधान के पाठकों के मन का रोमांच ……
नवजात अवधारणाओं की कीमिया होठों से निकलती है
नए आसनों की सममितीय लय जिसमें शरीर दिखाई देता है
मूर्तिकला कला युवती नृत्य श्रवण बंध जो बकाइन दिखाई देती है
चित्रित कलुगनु पिछले जीवन की एक रंगीन जीवनी है
कीमिया की विविधता के बारे में कुछ सुंदर है .....
आप स्वयं वह काव्य कुमार हैं!