राज भाषा,,,,,हिंदी विकास
राज भाषा,,,,,हिंदी विकास
तुलसी का रामचरित मानस के द्विपदा मे लिखा था
कई ऋषि मुनियों द्वारा प्रकाशित हुआ कई रचनाये
आदि कवी वाल्मीकि ने शुरू किया था महाकाव्य रामायण
आज हमें कई कवियों की कृतियाँ हमें स्मरण करना चाहिए
सारे भारत में हिंदी भाषा का विकास ज्यादा से ज्यादा राज्यों में
खड़ीबोली , अवधि , ब्रज भाषा कईप्रकार के हिंदी मांडलिक ख्याति
पढ़ना और लिखना आदि कई प्रकार से राज भाषा को अपनाये हम
चलन चित्रोंमें हिंदी साहित्य संगीत से बहुत जनादरण तेज से हो रहा है
तुलसी, बिहारी लाल ,रहीम, कबीर के द्विपदाए
बहुला जनादरण हो चुके हैं
महाकवि कालिदास के रचनाये संस्कृत और प्राकृत भाषा मे हुई थी
कुमार संभव, अभिजनन शाकुंतलम इत्यादि कालिदास जी से लिखा हुआ है
सूर्यकांत की सरोज स्मृति, महादेवी वर्मा जी की संद्य गीत और सप्त पर्ण ,
सुभद्रा कुमारी चौहान से रचित झाँसी वाली रानी, खिलौना वाला , मेरा नया बचपन
हरिवंश राइ बच्चन की मधुशाला , अटल बिहारी वाजपेयी जी की कई कवितायें
हिंदी विकास के कई निशाने हैं जावेद अख्तर, और हिंदी चलन चित्र पट
के कई गीत रचयिताओं के मधुर गीत - संगीत के साथ विश्व व्यापति हो रहा है.