चाँद से अर्ज
चाँद से अर्ज
ऐ चाँद,
शीतलता तो सदा देते हो,
प्रेम, सौहार्द से मन भर देते हो,
आज कुछ ज्यादा प्रेम ले आना,
हर कषाय कल्मष धो जाना,
प्रेम से हर दिल जगमगाना,
दिलों में आज सौहार्द दे जाना,
शीतलता बनाना हर मन का खजाना,
बिन जल हम सब राह तकेंगे,
देखो आज जरा जल्दी आना,
भर देना आज गुणों का खजाना,
देखो कोई अब न रह जाये,
प्रेम, सौहार्द से सब जगमगाये,
हर दाम्पत्य में प्रेम बढ़ाना,
नारी का सम्मान बढ़ाना,
आज दो कुछ तुम कुछ यूं आशीष,
सद्बुद्धि से भरे हर शीश,
फिर ये वसुंधरा प्रेम का खजाना होगी,
हर मन में खुशहाली होगी।।