चाँद की चाँदनी
चाँद की चाँदनी


चाँद की चाँदनी ने हसीं बनाया मौसम
सितारों ने भी दिखाई मंज़िल
कही हसीं ऐसी चमकी चाँदनी बन गयी
रूठा हुआ इंसान इस चाँदनी की चमक
से फिर मान गया
खोया हुआ मेरा यार फिर से इस चाँदनी
में मिल गया
देखती रह गयी उस चाँद का चेहरा जो
बांधे हुए था सेहरा
प्यार का आगाज़ लेके आया वो नया
एहसास दे के गया वो
पूरा गगन शामिल था इस बारात में
ठंडी हवा भी कर रही थी शोर इस
बारात का
साक्षी थी बहकी हवा, खनखन करते
हुए पन्ने
बारात की भीड़ थी और मौसम सुहाना
सेहरा बांधे तकते थे राह, चाँदनी आयी
थी बाराती वालों के साथ
इश्क़ का एलान था आज मिलन की
रात भी थी
और ऐसे ही चाँद तेरी चाँदनी ने
हसीं बनाया मौसम