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Salil Saroj

Romance

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Salil Saroj

Romance

चाँद हुश्न

चाँद हुश्न

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वो कमतर लिबास रखते हैं

फिर हुश्न भी बेहिसाब रखते हैं।


कहीं कोई अदा जाया न हो

हर हँसी का हिसाब रखते हैं।


यूँ ही नहीं हैं तारीफे-काबिल

चाँद-तारों का रूबाब रखते हैं।


किसकी मिशाल दी जाए उनको

हर चाल अपनी नायाब रखते हैं।


पढ़ने वाले पढ़िए कभी गौर से

वो खुद में एक किताब रखते हैं।


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