बुने हुए सपने
बुने हुए सपने


कोमल देखभाल के साथ वह बुनती है सपने,
उसकी प्रज्ञा में, मुझे ज्ञान मिल जाता है।
उसका कोमल स्पर्श, सुखदायक स्वेदन,
उसके प्यार में मुझे मिलती है अपनी शांति।
अँधेरी रात में प्रकाश की किरण सा,
एक माँ का प्यार, एक अटूट दृश्य।
उसका मार्गदर्शन, एक दिशा सूचक यंत्र, स्थिर और सच्चा,
उसके शब्दों में, मुझे अपनी सफलता मिलती है।
वह दयालुता से मेरा पालन-पोषण है करती,
उग्र और निर्भीक,
उसके आलिंगन में,
मुझे अपना स्वप्नमहल मिल गया।
उनका बलिदान, एक सत्य वसीयतनामा,
उसके प्यार में, मेरी कृतज्ञता की कोई सीमा नहीं।