बुद्धि और सुंदरता
बुद्धि और सुंदरता
बुद्धि और सुंदरता में हो गई इक दिन चर्चा
दोनों में कौन अधिक है अच्छा
सुंदरता को बड़ा अहं था अपने सुंदर होने पर
अपनी आकर्षित करने वाली अदाओं पर
पर बुढ़ापा आने पर सारी चमक गायब हो जाए
खूबसूरत चेहरे पर झुर्रियां नज़र आएं
बुद्धि ने भी अपना मत गर्व से आगे रखा
बोली बुद्धि बल से ही हर कोई आगे बढ़ है सकता
सही गलत की पहचान भी बुद्धि के निर्णय से होय
बिना सुंदर हुए भी बुद्धि वाला विजयी होय
आखिर में सुंदरता हारी बुद्धि के आगे
सच ही है बिना बुद्धि के इंसान कुछ नहीं कर पावे।
