'बताओ चाँद कैसा था '
'बताओ चाँद कैसा था '
चांदनी बिखेर रही थी आँचल
नवयौवना के बेफिक्र आँचल सी
और खूबसूरत दिख रहे थे नजारे
नवदुल्हन की तरह
बताओ चाँद कैसा था ?
बताओ चाँद कैसा था ?
मेरी महबूबा सा सोना
या मामा सा प्यारा था
बताओ चाँद कैसा था ?
चहलकदमी जब की तुमने
क्या दर्द उसको हुआ था
या पैर रखकर उसके दाग पर
दुखी रग क़ो तुमने छुआ था
बताओ चाँद कैसा था ?
उस पर भी बह रही थी हवा
बोल वाला पेड़ों का था
क्या नदी , पहाड़ चट्टान
सारा नजारा प्रथ्वी सा था
बताओ चाँद कैसा था ?
ढूँढ लेना हर चीज वहां पर
पर मक्कारियो क़ो ले जाना नहीं
खूबसूरत ही था या मासूम भी
किसी मासूम बच्चे की तरह
बताओ चाँद कैसा था ?
सम्पर्क बना दो भाई बहन का
हम भी पुकारेंगे कह मामा
माँ क़ो भी लगेगा भला
उसके बच्चों की तरह
बताओ चाँद कैसा था ?
क्या दिखाई दे रहे थे वहाँ भी
सूरज और टिमटिमाते तारे
जो करते हैं मंत्रमुग्ध सारे
दुनियाँ क़ो दिखाते हैं ख्वाब कई
बताओ चाँद कैसा था ?