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Bhavna Thaker

Romance

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Bhavna Thaker

Romance

बस तेरा साथ हो

बस तेरा साथ हो

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चाहे कोई भी बात हो बस तेरा साथ हो गुज़रे मेरे हर लम्हें तुम्हारी आगोश में 

चाहे दिन हो या रात हो ज़िंदगी मेरी तेरी ही सौगात हो इसके सिवा कोई चाह ना मुझे।

 

थाम लो मुझे ओस बिंदु सी अपनी पनाहगाह में गौहर सी झिलमिलाऊँ मैं 

हाथ खोलो तुम्हारी लकीरों का हिस्सा बन जाऊँ, लिखनी है उम्र अपनी तुम्हारे नाम मुझे।

 

ढ़लता है सूरज जैसे शाम की गोद में शीत होते यूँहीं ढ़लना है मुझे सूरज की भाँति आहिस्ता-आहिस्ता तुम्हारी आगोश में

बन जाओ तुम सेज मखमली मैं कुनमुनाऊँ सिलवटों सी तुम बेइन्तहाँ प्यार भरकर अपनी आँखों में निहारो मुझे।


इजाज़त पर तुम्हारी मेरी साँसें चले तुम्हारी खुशियों की मोहताज मेरी हंसी बनें, तुमसे वाबस्ता ज़िस्त हो मेरी इल्तिजा इतनी तुमसे कि अपना बना लो मुझे अपना बना लो मुझे अपना बना लो मुझे।



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